नया काव्य संग्रहः चालीस पार की औऱत
झारखंड रांची से कलावंती सिंह साहित्य जगत में लम्बे अरसे से सक्रिय हैं, वैसे मूलरूप से उनकी पहचान साहित्य समीक्षक की रही है। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में वो अक्सर किताबों की समीक्षाएं लिखती रही हैं। लेकिन इसके अलावा वो खुद भी एक अच्छी रचनाकार हैं ये पक्ष खुलकर सामने नहीं आया। कारण वो समय समय पर कविताएं तो लिखती रहीं और उनका लिखा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित भी होता रहा पर उन्होंने इनका संकलन कर किसी संग्रह के रूप में प्रकाशित नहीं करवाया। लेकिन अब कलावंती जी की कविताओं का संकलन एक किताब में रूप में पाठकों के सामने है। नाम है चालीस पार की औरत। किताब को प्रकाशित किया...
Read more